The Con Man

काश तुम झूठे होते।
काश तुम प्यार की आड़ में चीज़े छुपाते
काश तुम कहानियाँ बनाके दिल दुखाते
काश तुम कभी कहीं और होते और मुझे कहीं और बताते
काश तुम कुछ और महसूस करते और मुझे कुछ और जताते
काश तुम मेरी यूँ ही तारीफ़ कर मुझे सपने दिखाते
तो शायद निराश होते पर सँभल भी जाते
तो शायद गुजरे कल की बस तुम कहानियों में आते
पर यूँ आज की उलझनों में कहीं ना कहीं जो तुम झलकते हो तो लगता है कि 
पूरे के पूरे ही झूठ होने से अच्छा था
काश तुम बस झूठे होते।

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